
नाड़ी परीक्षा हृदयगति जाँचने की भारतीय पद्धति है। इसका उपयोग आयुर्वेद, सिद्ध आदि चिकित्सापद्धतियों में होता है। यह आधुनिक पद्धति से भिन्न है। इसमें तर्जनी, माध्यिका तथा अनामिका अंगुलियों को रोगी के कलाई के पास बहि:प्रकोष्ठिका धमनी पर रखते हैं और अलग-अलग दाब देकर वैद्य कफ, वात तथा पित्त- इन तीन दोषों का पता लगाता है।

